आत्मकथा : मुर्गे की तीसरी टांग (कड़ी 21)
अध्याय-8: मेरे हमदम मेरे दोस्त दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं। दोस्तों की मेहरबानी चाहिए।। मैं उन लोगों को अत्यधिक
Read Moreअध्याय-8: मेरे हमदम मेरे दोस्त दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं। दोस्तों की मेहरबानी चाहिए।। मैं उन लोगों को अत्यधिक
Read More4. कामुक सुल्तान का हरम यह दिल्ली के सुल्तान का विशेष हरम था। जहाँ उसने कई बेगमें और रखैले इकट्ठी कर
Read Moreतीसरे और चौथे सत्र में भी हमारा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा, लेकिन कल्पना कुछ अंकों से ही प्रथम श्रेणी लाने
Read More3. आन्हिलवाड़ के अंतःपुर में पिता-पुत्री राय कर्ण देव का अपना कक्ष। हाथ में मदिरा से भरा स्वर्ण गिलास। विचारमग्न होकर
Read Moreलेकिन वर्षो की आदत छूटना आसान नहीं है, अतः पहले सेमिस्टर में हमारा रवैया बहुत कुछ लापरवाही का ही रहा।
Read More2. पाटन का रुष्ट ब्राह्मण दिल्ली की गलियों में दिल्ली की राजसी सड़कों पर एक ब्राह्मण धीरे-धीरे चल रहा था।
Read Moreअध्याय-7: हँसा हूँ हाल पर अपने जिन्दगी यूँ भी गुजर ही जाती। क्यों तेरा रह गुजर याद आया? बी.एससी. की
Read More1. नृशंस सुल्तान की तख्त नशीनी अपने चाचा, ससुर और सुल्तान जलालुद्दीन का सर भाले की नोक पर उठाए 1296 को
Read Moreबी.एससी. में मेरे अंक लगभग 64 प्रतिशत थे और मैं काफी संतुष्ट था। मुझे याद आता है कि एक बार
Read Moreनम्र निवेदन इतिहास का एक कुशल विद्यार्थी वही है जो इतिहास का सिर्फ अध्ययन न करे अपितु उसका अंवेषण करें। वह
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