उपन्यास : उम्र (चौथी कड़ी)
रमेश को पापा का रोज इस तरह अखबारों में उसके लिए इश्तिहार देखना शायद बिलकुल स्वीकार नहीं था!! जीवन की
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Read Moreशाम के वक़्त रमेश को ज्यादा काम नहीं होता था, मुश्किल से कुछ देर पढ़ पाता और माँ खाने के
Read Moreराजा विराट ने विराट नगर के पास ही उपप्लव्य नगर में पांडवों के निवास का स्थान दे दिया था। वहीं
Read Moreरमेश ने इन सारी समस्याओं का हल निकाल लिया उसने दिल्ली जाने का विचार बनाया! आकाश से इस बारे में
Read Moreआकाश एक सुलझा हुआ शख्स था. उसके व्यापारिक मित्रों में उसकी अच्छी पैठ थी. पिछले साल जब उसने अपनी नयी
Read Moreअब कृष्ण कौरवों के आक्रमण और उसके बाद की घटनाओं पर विचार करने लगे। ये घटनायें अधिक पुरानी भी नहीं
Read Moreकृष्ण पांडवों के साथ अज्ञातवास में घटी घटनाओं पर विचार करने लगे। विराट नगर में पांडव किसी से अधिक सम्पर्क
Read Moreअब कृष्ण पांडवों के अज्ञातवास की अवधि की घटनाओं पर विचार करने लगे। अज्ञातवास का समय पांडवों के वनवास का
Read Moreपांडवों के वनवास के बारे में सोचते हुए कृष्ण को दुर्योधन के वनविहार की घटना का स्मरण हुआ। अपनी जन्मजात
Read Moreअब कृष्ण वनवास में पांडवों के साथ घटी घटनाओं पर विचार करने लगे। वनवास में पांडव घास-फूस की कुटी बनाकर
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