कुंडलिया
सूत उलझता ही गया, मुख से निकला राम। पदचिन्हों पर आज भी, मचा हुआ संग्राम। मचा हुआ संग्राम, काम का
Read Moreपीहू पीहू करे मोर, आषाढ़ सुहानी भोर। काले घन घिर आए,
Read Moreजनता को मेरा नमन, रच डाला इतिहास मोदी को चुनकर पली, हर दिल में नवआस हर दिल में नव आस,
Read Moreदान होता महादान, करो वस्तु तुम दान, धन दान, रक्त दान, दान कुछ कीजिए। दान देना नेक काम, करे कोई
Read Moreअहीर छंद “प्रदूषण” बढ़ा प्रदूषण जोर। इसका कहीं न छोर।। संकट ये अति घोर। मचा चतुर्दिक शोर।। यह दावानल आग।
Read Moreसमान सवैया / सवाई छंद / 32 मात्रिक छंद जाग उठो हे वीर जवानों, तुमने अब तक बहुत सहा है।
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