हाकलि मुक्तक छ्न्द
हाकलि मुक्तक छ्न्द [४+४+४+२] फागुन माया छाया है रंगों ने भर माया है घर अरु आँगन गाता क्यों होली कंचन
Read Moreहाकलि मुक्तक छ्न्द [४+४+४+२] फागुन माया छाया है रंगों ने भर माया है घर अरु आँगन गाता क्यों होली कंचन
Read Moreमस्त मगन ये फाग महीना, लाल गुलाब पलाश खिलें हैं अबीर लियो हाथ में भाई, बैर छोड़ सब गले मिले
Read Moreजा मत छोड़ मकान दलान मलाल जिया मत राखहु स्वामी धीरज धारहु आपुहि मानहु जानहु मान न पावत नामी।। खोजत
Read Moreमाटी अपने देश की, पुलकित करती गात। मन में खिलते सहज ही, खुशियों के जलजात।। खुशियों के जलजात, सदा ही
Read Moreतुलसी आँगन में रहें, सदा करे कल्याण दूध पूत स्वस्थ रहें , रोग करे प्रयाण रोग करे प्रयाण, सुन्दर चेहरा
Read Moreबजता डंका झूठ का, सत्य खड़ा है मौन । मिथ्या का सम्मान पर, सत्य पूजता कौन । सत्य पूजता कौन
Read Moreगर्व सखा कर देश पर, मतरख वृथा विचार माटी सबकी एक है, क्यों खोदें पहार क्यों खोदें पहार, कांकरा इतर
Read Moreऊपर के चित्र पर आधारित कुंडलिया छंद माँ बसंत मैं देख लूँ, आई तेरी कोख देख पतझड़ आयगा, नवतरु पल्लव शोख़
Read Moreआज का छंद है मत्तगयंद/मालती सवैया 211 211 211 211 211 211 211 22 मोहन मान बिना कब आवत नाचत
Read Moreनमामि वंदना गुरु— ============================ पंच चामर छ्न्द ========================== मापनी =१२ १२ १२ १२ – १२ १२ १२ १२ ================================ नमामि
Read More