विस्फोटक काव्यरस
ऐसे काव्यरस की सर्जना करूँ बीते सालों के यौन-रसीले सेक्स-बुखारे भी कथावाचक, संपादक, और कानून के साहब, साहित्यकार भी उन्मत्त
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Read Moreअपने ‘नाम’ के साथ पिता या पति के नाम व उपनाम लगानेवाली ‘महिलाएँ’ किस लिहाज़ से ‘नारीवाद’ पर भाषण दे
Read Moreआदरणीय माननीयों की संपत्ति/सुख/सुविधाएँ करोड़ों में हैं, अरबों में हैं, पर उन माननीयों के आगे राष्ट्रनिर्माता शिक्षक निरीह हैं !
Read Moreमटरगश्ती करती कुछ कविताएँ….. 1. झोलाछाप डॉक्टर मुम्बई में नहीं रहता ! रूरल एरिया का झोला छाप डॉक्टर हूँ, गोकि
Read Moreमुस्कुराइए, कि मुस्कुराने से आपकी आवाज की खनक भी खनकती है, मुस्कुराइए, कि मुस्कुराने से बिना पायल के ही आपकी
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