*****गीतिका*****
शहर में रेत के सागर तलाश करती हूं ! हां मैं प्यासी हूं पानी तलाश करती हूं!! खो गया जाने
Read Moreशहर में रेत के सागर तलाश करती हूं ! हां मैं प्यासी हूं पानी तलाश करती हूं!! खो गया जाने
Read Moreउसकी चाहत में न जाने क्या – क्या कर बैठें। सुबह को शाम और रात को दिन समझ बैठे। आएगी
Read Moreकसम न खायेगें हम तेरी , ध्यान सदा ये रखना ! रेशम रेशम याद तुम्हारी , ध्यान सदा ये
Read Moreचाहा न कुछ खुदा से, तुझे चाहने के बाद मांगा न कुछ खुदा से, तुझे मांगने के बाद किसी और
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