गीतिका : चूड़ियों के विविध रंग
अभिसार में किसी के खनकती हैं चूड़ियाँ । परिणय की सेज पर तो महकती हैं चूड़ियाँ ।। जिनके कई हैं
Read Moreअभिसार में किसी के खनकती हैं चूड़ियाँ । परिणय की सेज पर तो महकती हैं चूड़ियाँ ।। जिनके कई हैं
Read Moreविषैली हवा चली मेरे शहर में। दम तोड़ रही पीढ़ी मेरे शहर में।। कारखानो की चिमनियाँ देखिये। जहर उगलने लगी
Read Moreतुम्हारी याद जब आती तो मिल जाती ख़ुशी हमको तुमको पास पायेंगे तो मेरा हाल क्या होगा तुमसे दूर रह
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