गीतिका
किसी से गम कभी इजहार करते क्यों खड़ी तुम दर्द की मीनार करते क्यों बुझे कितने दिये, फिर भी जलाने
Read Moreकिसको अपना दर्द बतायें कौन सुनेगा अपनी बात सुनने बाले ब्याकुल हैं अब अपना राग सुनाने को हिम्मत साथ नहीं
Read Moreबेचैन तुम ही नहीं बेकरार मैं भी थातेरी उदासियों में सोगवार मैं भी था अश्क तुमने भी बहाए थे वक़्त-ए-रुख्सतबिछड़
Read More