ग़ज़ल (चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है )
मन से मन भी मिल जाये , तन से तन भी मिल जाये प्रियतम ने प्रिया से आज मन की
Read Moreमन से मन भी मिल जाये , तन से तन भी मिल जाये प्रियतम ने प्रिया से आज मन की
Read Moreपदांत- है नारी समांत- आरी इस जगती में सबसे ही न्यारी है नारी. इस धरती की प्यारी फुलवारी है नारी.
Read Moreहोली पर रंग लगाने को दिल चाहता है ।थोड़ी भांग खा लेने को दिल चाहता है ।।अभी तो बचपन की
Read Moreरोज़ किसी की शील टूटती प्रजापती के कमरे में फिर शराब की बोतल खुलती प्रजापती के कमरे में। गाँव की ताज़ी
Read More