कुछ दिन का बसेरा
काशी ना मेरी ‘ काबा ना तेरा है ‘ ये दुनिया तो पगले ‘कुछ दिन का बसेरा है ।। रह
Read Moreकाशी ना मेरी ‘ काबा ना तेरा है ‘ ये दुनिया तो पगले ‘कुछ दिन का बसेरा है ।। रह
Read Moreमुझको तुम भूल ही जाओ, अच्छा होगा मुझको अब याद न आओ, अच्छा होगा मानता था मानता हूं और मानूंगा
Read Moreफिसलकर नींद से टूटे हुए सपने कहाँ रक्खूँ ज़फ़ा की धूप में सूखे हुए गमले कहाँ रक्खूँ मुक़द्दस बूँद से
Read Moreग़ज़ल (दर्द दे वो चले पर दवा कौन दे) बह्र:- 212*4 दर्द दे वो चले पर दवा कौन दे, साँस
Read Moreचिलमन तमाम वक्त हटाया करेंगे आप । तश्वीर महफ़िलों में दिखाया करेंगे आप ।। चुप चाप आसुओं को छुपाया करेंगे
Read Moreकभी जो दिल से आकर के पूछो कि क्या मामला है ये क्या मामला है, दिखा के आइना वो तुमसे
Read Moreसभी तैयार हैं अपने मेरे खंज़र चलाने को मेरा नामो-निशां दुनिया के पन्नों से मिटाने को मुझे मेरी गरीबी
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