गीतिका/ग़ज़ल *नवीन मणि त्रिपाठी 05/11/201506/11/2015 ग़ज़ल बचे न मुल्क वह चिराग जलाए रखिये । उन लुटेरों की सियासत को चलाए रखिये ।। खा गए शौक से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 04/11/201517/12/2018 आइने में खरोचें न दो इस कदर आइने में खरोचें न दो इस कदर खुद को अपना कयाफ़ा न आये नज़र रेत पर मत किसी की Read More
गीतिका/ग़ज़ल छाया शुक्ला 04/11/201505/11/2015 ग़ज़ल जियो गुमनाम तुम जग में इजाजत दे नहीं सकती | विनय श्रृंगार है तेरा अदावत दे नहीं सकती | चलोगे Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 04/11/2015 ग़ज़ल आप चादर ओढ़ कर क्यों फिर रहे अभिमान की बोझ सी है जिंदगी कीमत नहीं है जान की राह पर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/11/201503/11/2015 ग़ज़ल नहीं कुछ और इसमें मैंने खूने-दिल मिलाया है तब कहीं जा के अपनी शायरी में रंग आया है आँसू की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 02/11/2015 ग़ज़ल हिस्सा-ए-बाज़ार न बन, हिम्मत रख लाचार न बन कुछ अपनी भी सोचा कर, सबका खिदमतगार न बन दुश्मन भी रख Read More
गीतिका/ग़ज़ल *अर्चना पांडा 01/11/2015 ग़ज़ल बस तुम्हारा नाम ले हद से गुज़र जायेंगे हम. इश्क के किस्से सुनायेंगे जिधर जायेंगे हम. प्यार की टेढ़ी सडक Read More
गीतिका/ग़ज़ल अंशु प्रधान 01/11/201501/11/2015 गज़ल ! वफा के मंजर यूँ बदले कि वो तस्वीर ए जाना हो गए बेखुदी में यूँ रफ्ता रफ्ता हम खुद ही Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/11/2015 ग़ज़ल हसरत-ए-दिल-ए-बेकरार कहां तक जाती दश्त-ए-तनहाई के उस पार कहां तक जाती मैं ज़मीं पर था तुम कोहसार-ए-गुरूरां पर थे गरीब Read More
गीतिका/ग़ज़ल महेश सोनी 30/10/2015 ग़ज़ल खो चुका जो वो सुहाना था बताती है मुझे याद की खुशबू पहाड़ों से बुलाती है मुझे शिल्पकारी से Read More