स्नेह की जंजीर हो तुम
गीत का सावन उमड़ता प्रीति का शुभ स्वप्न पलता चांद सी तुम हंस रही हो शून्य उर में धंस रही
Read Moreगीत का सावन उमड़ता प्रीति का शुभ स्वप्न पलता चांद सी तुम हंस रही हो शून्य उर में धंस रही
Read Moreमान इंसानियत का हम बढ़ा न सके। अपनी प्रकृति को भी हम बचा न सके। जीते -जीते जो दौलत कमाई
Read Moreहेलो वाणी वाह वाह रच्चण हारया …. वाह वाह रच्चण हारया तेरे रंग नियारे कुदरत रखते बन्न के क्या खूब
Read Moreगीत पुलक गात पर अरुणिम लाली , अधरों पर मधु बोल ! हँसी बिखेरे , आँगन में तू , हिंरणी
Read Moreकानपुर के चर्चित हास्य-व्यंग्य कवि डॉ. कमलेश द्विवेदी ने कोरोना योद्धाओं को समर्पित एक गीत लिखा है-“हार ही जाएगा यह
Read Moreसूनी आखों में इक आस अभी बाकी है दूर देखता हूं तो उजास अभी बाकी है तेरी यादों का सहारा
Read Moreबहुत हो चुका राग न ज्यादा हमको और सुनाओ जाओ-जाओ-जाओ,जाओ अब तो जल्दी जाओ आकर दहशत फैलाना, यह रंच हमें
Read Moreदानवता का नाच देखिए,आस्तीन में साँप देखिएअपनो का सिर काटनेवाले,जिंदा जिन्न-पिशाच देखिए। ये मजहब की बाँध के पट्टी,आँखों कोअंधा करते
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