देशभक्ति की ज्योत जगायी
अंधकार था जब जन-मन में, घोर तमस था सकल भुवन में तब मैंने भी रीत निभायी, देश-भक्ति की ज्योत जगायी!
Read Moreअंधकार था जब जन-मन में, घोर तमस था सकल भुवन में तब मैंने भी रीत निभायी, देश-भक्ति की ज्योत जगायी!
Read Moreदेखो तुम्हारे संसार की हालत क्या होगाई भगवान कितना लाचार है ये इंसान कितना बेबस है इंसान कोरोना की महामारी
Read Moreहे ! राम तुम कहाँ हो ? धरती के कण-कण में तुम परती के जन-मन में तुम क्षिति-जल-पावक में तुम
Read Moreदेश ये पूरा साथ खड़ा है, ये दिखलाने की बारी आओ एक दीप जलाएं हम, है दीप जलाने की बारी
Read Moreरंग मंच के पात्र निभाकर, निज किरदार चले जाएंगे। कौन यहाँ रहने वाला है, सब उस पार चले जाएंगे।। मिलन
Read Moreअब भी मौका कर्म सुधारो प्रकृति नियम बिसराने वालों खुद को खुदा मानकर के निज दौलत पर इतराने वालों जीव
Read Moreपास रहतीं न तुम दीप जलाता न यों प्राण , रहतीं न तुम प्यार पलता न यों। रीति उनकी रही
Read Moreजीवन की मादक घड़ियों में, मुझको मत ठुकराना प्रिये, नव ऊषा लेकर आएगी, जब मधुमय जीवन लाली, कुहू- कुहू कर
Read Moreधरा को सुला दूं, गगन को जगा दूं प्रिय , चांदनी में विरह गीत गाऊं मैं। बहुत है उदासी हृदय
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