सत्य के उजाड हो गये झूठ के दरख्त फल गये
सत्य के उजाड हो गये झूठ के दरख्त फल गये वक्त की है मार देखिये चाँदनी में हाथ जल गये
Read Moreसत्य के उजाड हो गये झूठ के दरख्त फल गये वक्त की है मार देखिये चाँदनी में हाथ जल गये
Read Moreपरंपराओं के पालक हम, धर्म गये क्यूँ भूल भारती पूछ रही छोड देश हित हुए सभी क्यूँ, निज हित में
Read More(कश्मीर में जेहादियों द्वारा सैनिकों को थप्पड़-लात मारकर अपमानित करने पर एक सैनिक की सरकार से अपील को बयां करती
Read Moreमंदिर मंदिर क्यो भटकूँ मैं जब तुम हृदय विराजे रग रग तन्मय प्रेम तुम्हारे भाल तुम्ही हो साजे नयन ज्योति
Read Moreजो हम ना होते रंग श्वेत श्याम तुम्हे कौन बुलाता ऐसा ही होता है प्रियतम रंग रंग का रिश्ता नाता
Read Moreपर्यावरण संरक्षण (गीत) ——————————————- हरी भरी अपनी वसुधा को आज बनायेंगे आओ मिलकर हम सारे कुछ पेड़ लगायेंगे .. संतुलन
Read Moreज़िंदगी की क्यारी में इक पौधा तो लगाइए दूसरों को हँसने दें औ खुद भी मुस्कराइए । जल रही है
Read Moreबैठी चुप आगार मैं प्रज्वल दीपक दिशि चार हर झोंके से लड़ रहीं पलकें निज बाँह पसार।। दिशा भरम ना
Read Moreइन दो आँखों की कश्ती में साजोसामान सभी रखकर। धाराओं का रुख करती हूँ मैं तो तेरी नगरी चलती हूँ
Read Moreऐ परिन्दे! उड़, अभी तेरी उड़ान बाकी है; नजर ऊपर तो उठा, अभी पूरा आसमान बाकी है। निर्मल-नील-गगन में गुनगुनाता
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