साक्षरता: कुछ काव्य-रचनाएं
(विश्व साक्षरता दिवस पर विशेष) 1 .साक्षरता का सूर्य (गीत) कैसे हो कल्याण देश का जब विद्या का दीप न
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Read Moreहे पिता कहां तुम चले गए, तुम याद बहुत ही आते
Read Moreमैं बाँहों में सृजन, कलम में प्रलय सजाया करता हूँबुझते मन में दीप, दिलों में आग जलाया करता हूँ।कितने अनगढ़
Read Moreना मारो ना माँ ,मैं तेरी बेटी हूँ दुःख की ना समझो ,मैं सुख की पेटी हूँ मैं तेरी बेटी
Read Moreशिक्षा वही जो राष्ट्र पर गौरव करना सिखाए। अपनी जननी जन्मभूमि पर मर मिटना सिखाए। फलों से लकदक पेड़ों की
Read Moreवंदन है,नित अभिनंदन है, हे शिक्षक जी तेरा । फूल बिछाये पथ में मेरे,सौंपा नया सबेरा ।। भटक रहा था
Read Moreगुरु से शिक्षा गुरु से दीक्षा, गुरु सब धन की खान रे । गुरु जैसा नहिं दूजा कोई, बात हमारी
Read Moreयुद्ध अरि से लड़ने जाऊँ, सीमा का सिपाही बनकर, तन मन न्यौछावर कर जाऊँ, सीमा का सिपाही बनकर। एकता के
Read Moreसुनो उद्धव सुनाते हैं हमें जो तुम बताते हो ज्ञान की योग की बातें हमें जो तुम सिखाते हो समझ
Read Moreसमय का पंछी उड़ता जाए दूर गगन में पंख फैलाए। हर आने-जाने वाले को ज्ञान संदेशा देता जाए। समझो समय
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