सच्चाई
धरम करम का हो रहा,रोजाना व्यापार ,सच्चाई कुछ भी नहीं,बस मिथ्या आचार। धर्म कर्म में लीन हैं ,करते पूजा पाठ
Read Moreसुरा सुरों का साथ निकट का,लगें दंपती नेक।सुर से सुरा विलग हो कैसे,सोचें सहित विवेक ।।जोगीरा सारा रा रा रा
Read Moreउगता हर दिन सूर्य ज्यों, ऐसे उठिये आप। मन से कसरत कीजिए , करो नहा के जाप।।
Read Moreसूरज आतिश बन गया,तपे नगर औ” गाँव । जीव सभी अकुला उठे,ढूंढ रहे सब छाँव ।। लू का तो आक्रोश
Read Moreदेवि महामाया सुवन, नृप शुद्धोधन तात। जन्मा शिशु सिद्धार्थ था, लेकर नवल प्रभात। जन्मे गौतम गोत्र में, पाया गौतम नाम।
Read Moreदुर्गा माँ तुम आ गईं,हरने को हर पाप। संभव सब कुछ आपको,तेरा अतुलित ताप।। सद्चिंतन तजकर हुआ,मानव गरिमाहीन। दुर्गा माँ
Read Moreरंग बिरंगे लोग सब, बदलें हर पल रंग। देख जगत की चाल को, विनोद अत्यधिक दंग। फाल्गुन आया झूम कर, करने को
Read Moreटुकड़े टुकड़े हो गये, बिखर गया परिवार। पहले जैसा अब कहां, रहा दिलों में प्यार। टुकड़े टुकड़े हो गये, अब
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