ऐ कर्मवीर
ज्यादा सोने की आदत मत डाल ऐ कर्मवीर वरना नींद के साथ-साथ सो जायेगी तकदीर सो गयी तकदीर तो तेरी
Read Moreटिमटिमा दीपक गए, फैला दिया उजास। दीवाली ले आ गई, आशा और उल्लास।। जगमग किसने है किये, नभ के दीप
Read Moreगीत बनकर सखी मै निभाती रही/ प्रीति मे सज सदा दिल सजाती रही/ रीति दुनिया मज़ा बन लुभाती शमा/ शाम
Read Moreदीपमालिका है सजी , प्रकाशित हुई रात। भूमि पे उतरी जैसे , तारों की बारात। १ चटके न दिल का
Read Moreखुशी इतनी मिली आँचल में समेट न पाऊं आकाश में उड़ूं या दरिया में घर बनाऊं हार गया नशीब हुई
Read Moreमेला है नवरात्रि का, फैला परम प्रकाश। आलोकित जीवन हुआ, कटा तमस का पाश। माँ प्रतिमा सँग घट सजे, चला
Read More