दादी का संदूक !
स्याही-कलम-दवात से, सजने थे जो हाथ ! कूड़ा-करकट बीनते, नाप रहें फुटपाथ !! बैठे-बैठे जब कभी, आता बचपन याद !
Read Moreस्याही-कलम-दवात से, सजने थे जो हाथ ! कूड़ा-करकट बीनते, नाप रहें फुटपाथ !! बैठे-बैठे जब कभी, आता बचपन याद !
Read Moreअतुलित सुख और आनंद हैं वहां खुशियों का आज लगा है मेला, समय है बड़ा अलबेला, फलो-फूलो,कामयाबी सदा मिले, आनंद
Read Moreअब मत हरगिज़ ढूढिये, पहले वाली बात। चाल चलन बदले सभी,बदल गये हालात। ख़ुद्दारी को भूलकर , करते हैं फरियाद।
Read Moreदिन आया अति पावन पवित्र मकर संक्रांति की खुशियां फैलीं सर्वत्र उड़ेगीं आकाश में नीली -पीली पतंग सब जन मिलकर
Read Moreशाला की यादें सुखद,दें मीठे अहसास। शाला के दिन थे भले,थे बेहद ही ख़ास।। दोस्त-यार सब थे भले,जिनकी अब तक
Read Moreरूप दमकता नित्य ही,फैलाता आलोक। प्रिये आज तू चाँद है,देखे सारा लोक।। गालों पर आभा खिली,लुभा रहा है नूर। दाता
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