तितली है खामोश
बदल रहे हर रोज ही, हैं मौसम के रूप ! ठेठ सर्द में हो रही, गर्मी जैसी धूप !! सूनी
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Read Moreअनुशासन को मानकर,मानव बने महान । अनुशासन संकल्प है,जो लाता सम्मान।। अनुशासन है चेतना,अनुशासन उत्थान। अनुशासन को थामकर,जीना हो आसान।।
Read Moreसदियों से चला ये सिलसिला है कहते हैं इश्क इक जलजला है खूब जला और खूब जलाया भी कौन क्या
Read Moreहाथ मिलाते गैर से, अपनों से बेजार। सौरभ रिश्ते हो गए, गिरगिट से मक्कार।। ★★★ अपनों से जिनकी नहीं, बनती
Read Moreकिस्मत का बुलंद सितारा लोग कहते हैं जो दर्द देता है, वही दवा देता है, पता नहीं फिजूल की बातों
Read Moreकितना मोहक,नेहमय, लगता प्यारा गाँव । हनमत-मंदिर सिद्ध है,बरगद की है छाँव।। रज़िया-राधा हैं सखी,मित्र राम-रहमान। सारे मिलकर पूजते,गीता और
Read Moreचीरहरण को देखकर, दरबारी सब मौन ! प्रश्न करे अँधराज पर, विदुर बने वो कौन !! राम राज के नाम पर, कैसे हुए
Read Moreजीवन में आनंद का, बेटी मंतर मूल ! इसे गर्भ में मारकर, कर ना देना भूल !! बेटी कम मत
Read More(1) मुझे गीता ने सिखलाया,जिऊँ मैं कैसे यह जीवन सुवासित कैसे कर पाऊँ,मैं अपनी देह और यह मन मैं चलकर
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