मुक्तक
रूबरू आने की मनाही नही, बस हाथ न मिलाईये, ईश्क प्यार मोहब्बत की बातें, मोबाईल से बताईये सामने आकर भी
Read Moreवैशाखी पर मुक्तक गेहूँ दलहन तिलहन औरगन्ने की फसल लहलहाई अग्निदेव का समर्पण लोकनृत्य भांगड़ा,लाहाई गिड़ा लाई।
Read Moreसदा फ़रिश्ते की रफ़ी, तेरी ये आवाज़ है महफ़िल का नूर ये, सबको तुझपे नाज़ // 1. // सुरों का
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