मुक्तक
जब जमाने से हर आस उठ सा गया अच्छा होने का एहसास उठ सा गया जब भलाई के बदले
Read Moreबिंदु-बिंदु रखते रहे, जुड़ हो गयी लकीर। जोड़ा किस्मत ने घटा, झट कर दिया फकीर।। कोशिश-कोशिश गुणा का, आरक्षण से
Read Moreअमर शहीदों के लिये,देता हूं संदेश । तुम हो तो हम हैं ‘शरद’,तुम हो तो यह देश।। पुलवामा के वीर
Read Moreलफ्फाज़ी होती रही , हुई तरक़्क़ी सर्द। समझ नहीं ये पा रहे , सत्ता के हमदर्द। अबलाओं पर ज़ुल्म कर,
Read Moreआज समस्या है बनी, धुंध हुआ विकराल। वायु प्रदूषण बढ़ गया,गंद बनी है काल।। काला धुआॅ छोड़ रहे,वाहन चारों ओर।
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