दोहे रमेश के दिवाली पर
संग शारदा मातु के, लक्ष्मी और गणेश ! दीवाली को पूजते, इनको सभी ‘रमेश !! आतिशबाजी का नहीं, करो दिखावा
Read Moreसंग शारदा मातु के, लक्ष्मी और गणेश ! दीवाली को पूजते, इनको सभी ‘रमेश !! आतिशबाजी का नहीं, करो दिखावा
Read Moreबिगड़ा है पर्यावरण,बढ़ता जाता ताप ! ज़हरीली सारी हवा,कैसा यह अभिशाप !! पेट्रोल,डीजल जले,बिजली जलती ख़ूब ! हरियाली नित रो
Read More“दोहा द्वादसी” रावण के खलिहान में, चला राम का तीर। लंका का कुल तर गया, मंदोदरी अधीर।।-1 दश दिन
Read More“दोहा” झूठ मूठ का हास्य है, झूठ मूठ का व्यंग। झूठी ताली दे सजन, कहाँ प्रेम का रंग।। “मुक्तक” अजब
Read Moreकाव्य-गीत के मंच को , जिसने किया अशुध्द । उसको ना विद्या मिले, रहें सरस्वती क्रुध्द ।। फूहड़ता अब छोड़
Read Moreआत्म प्रसंशा से नहीं, बनती है पहचान। सब करते तारीफ जब,तब मिलता सम्मान। पुख्ता होती है तभी, रिश्तों की बुनियाद।
Read More:1: सुना है रोशनी के घर अंधेरों ने बसाये हैं, सुना है चांद तारे चांदनी से बौखलाए हैं, मुझे तुमसे
Read Moreसूरज की तरह लगे मुझे माँ का #आँचल, करता रहता रोशन मुझे हरदम, मैं सूरज ना सही चिराग़ बनकर तो,
Read More