दोहा
कुछ दोहे दिया हाथ में हाथ है, दिल भी इसके साथ। करना दिल से जतन तुम, मेरे कोमल हाथ।।-1 दिल
Read Moreहोती है बरसात की, धूप बहुत विकराल। स्वेद पोंछते-पोंछते, गीला हुआ रुमाल।। — धूप-छाँव हैं खेलते, आँखमिचौली खेल। सूरज-बादल का
Read Moreकब आओगे मेघ तुम,ये बतला दो आज। अब तो ला दो नीर तुम,हर्षित करो समाज।। तपती बस्ती आग से, सूरज
Read Moreहार नहीं सकते कभी , मन में ले विश्वास। जीत नहीं सकते कभी,शंका के बन दास। नागिन सी डसती रही,उसको
Read More(1) दुर्घटना पथ पर हुई, चोट लगी गम्भीर । देख देख सब चल दिये, जागा नही जमीर।। (2) कुमकुम विवश
Read More