अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कुछ दोहे…
मुक्ति चाहते हो अगर, कैसा भी हो रोग। सुबह सवेरे कीजिये, नितप्रतिदिन ही योग।१। गहरा लंबा स्वांस ले, कर
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Read Moreजब बालक की पीठ पर, लदा दुआ हो भार पढ़ने के सपने कहाँ, फिर होंगे साकार।। चमत्कार से के फेर
Read Moreपीर पथराई पिघल कर गीत बनने को विकल है, और नंगे घाव कहते हैं मुझे चादर ओढ़ाओ। जिंदगी! आधी सदी
Read Moreमुखपोथी के झाड़ में, कच्चे-पक्के बेर। जिन्हें न आती शायरी, वो भी कहते शेर।। सिद्ध हो रही साधना, सफल हुआ
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