बंधन
हर बंधन शुरू होता सांसों से खत्म भी होता साँसों का ही फैला रखा जो जाल उलझा मैं हूँ मजाल
Read More१- बरखा आई झूमती इठलाती नाच नचाती | २- मनुआं भीगा बूंदों की टिप-टिप गीत सुनाती | ३- पाजेब नहीं
Read More1) झट आ बैठी खोलते ही झरोखा हठीली धूप। 2) नाचती बूंदें छई छपाक छई दादुर कूदें । 3) पंकिल
Read More1 -कैसी बेढंग ज़िंदगी की कहानी मृत्यु रंगीन । 2 – टिका लूं पैर ठोस धरातल पे तब तो उडूं |
Read More१-आधुनिकता नीलामी संबंधों की खुली दुकान। —— २-बुरा करम खुशहाल जीवन मन का भ्रम । —— ३-सुन्दर तन कनक घट
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