चंद हाइकु
जब तक हम अपनी सहन शक्ति का प्रदर्शन करते रहेंगे तब तक मेरे ये हाइकु ज़िंदा रहेंगे — 1 भारत वासी
Read Moreहो गया न्याय मासूम मुजरिम खत्म अध्याय। ….गुंजन अग्रवाल
Read Moreऊँघता चाँद प्रभात की चौखट खोजता माँद। टूटती शाख सहेजे अपनों के सपने खाक। बरखा बूँद खेतो में रचे
Read Moreलाँघा समुन्द्र साझा नभ का कोना व्यग्र परिन्दे जी हाँ इक छोटी सी कोशिश फेसबुक से जुड़े परिंदों की 11
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