पर्यावरण (20 हाइकु)
1. द्रौपदी-धरा दुशासन मानव चीर हरण। 2. पाँचाली-सी भू कन्हैया भेजो वस्त्र धरा निर्वस्त्र। 3. पेड़ ढकती ख़ामोश-सी पत्तियाँ करें
Read More1. द्रौपदी-धरा दुशासन मानव चीर हरण। 2. पाँचाली-सी भू कन्हैया भेजो वस्त्र धरा निर्वस्त्र। 3. पेड़ ढकती ख़ामोश-सी पत्तियाँ करें
Read Moreदूरदर्शन नाम के अनुरूप दूर दर्शन। ÷÷÷÷÷ बुद्धू बक्सा ये था कहलाता रहा सहता जाता। ÷÷÷÷÷ देखते हम थे एक
Read Moreपापा की परी आसमां में उड़ती खुश रहती। ^^^^^ बड़े निराले मेरे प्यारे से पापा जान लुटाते। ^^^^^ मुझे बुलाते
Read Moreपिता का साया संबल मुश्किल में हर समय। +++++ वटवृक्ष है जब तक पिता है स्वच्छंद भाव। +++++ जब तक
Read Moreश्रम करता हमेशा लगातार सुकून कहाँ। ***** पसीना बहे सुकून भी न पाये किस्मत देखो। ***** बड़ा कठिन किसान का
Read Moreमां का दुलार अमृत की फुहार भिगो दे मन मां का सम्बल बढ़ा दे आत्मबल छटे निराशा अधूरी आस पूरी
Read Moreसृजन गुण मातृत्व सुखधारी केवल नारी। **** पीड़ा सहती तो भी खुश रहती जन्मदात्री माँ ***** नारी सपना मातृ गौरव
Read More1. अद्भुत छटा आत्ममुग्ध है झील ख़ुद में लीन। 2. ता-ता थइया थिरकती झील वो अलबेली। 3. अनवरत हुड़दंग मचाती
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