भजन/भावगीत

नवरात्रि विशेष

मेरी माता कितनी भोली सिंह सवारी निकली डोली दैत्यों का संघार मां करती भक्तों का उद्धार मां करती जो भी इनके दर पे आता खाली झोली कभी न जाता मां का गुणगान हो रहा है मां का जयकारा गूंज रहा हैं जयकारा शेरावाली का जयकारा मेहरावली का मां आश लगा के आई हूं कब से […]

भजन/भावगीत

मां गंगे

हे नीरझरनी पाप विनाशनी विनय करु मैं शीश झुकाई हो तुम्हीं सबके मोक्षदायिनी पतित पावन नाम है गंगा भागीरथी ने किया तप भारी जो लाए धरा सुरसरित गंगा पापियों के स्पर्श मात्र से पाप कटे मन शीतल होवे शंकर जटा में विराज रही मां भक्तों के कार्य सवारन वारे हे मंदाकिनी , हे ध्रुव नंदा […]

भजन/भावगीत

जय माता दी

गूंज रहा मां का जयकारा, जय माता दी ।। सजा हुआ दरबार है प्यारा, जय माता दी ।। कौन है तुमसा तारन हारा, जय माता दी ।। तुमसा मइया कौन सहारा, जय माता दी ।। उसके बिगड़े काम बनें हैं, पल भर में मां,,, जिसने तेरी ओर निहारा, जय माता दी ।। उस की झोली […]

भजन/भावगीत

आराधना

आराधना प्रभु मेरी हो स्वीकार कर दो आततायी का संहार जो कर रहे हैं बहन बेटी पे प्रहार कब तक रहेगी नारी बेबस लाचार हर नुक्कड़ पे खड़ा है वहशी गाँव कस्बा हो या क्षेत्र रिहायशी हर कदम पे लगता है पापा को डर कब भेजेगी कानून इन्हें लाल घर मौन बैठा है देश का […]

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शिव-वन्दना

देवाधिदेव हे महादेव!, हे शिवशंकर त्रिपुरारी! हे आशुतोष! हे गौरीपति!, प्रभु! विनती सुनो हमारी।। हे शिवशंकर! हे परम सत्य!,तुम हो जग के रखवाले। तुम हो कल्याणक परम ताप,अब दूर करो दिन काले।। दया,नेह करना हम पर तुम ,टारो तुम विपदा सारी। हे आशुतोष! हे गौरीपति!, प्रभु! विनती सुनो हमारी।।1 * भोले भंडारी,महादेव,तेरी महिमा का गायन। […]

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उमा के आदर्श

कैलाशपति उमा के अनुपम आदर्श महिमा शाली भोलेनाथ शिव वही है, रूद्ररूपक कालकूट से नीलकण्ठाय पंचदेवों में प्रधान व्यास मुनि कही है। शिव महापुराण सात सात संहिताएं चौबीस सहस्र श्लोक गूंजते न थकते, यह आदि मध्य अन्त प्रकृतिदेवी पति शिवशंभू महेश सब काल भय रखते। बिल्वपत्र धतूरा भांग कर्पूर अतिप्रिय रुद्राक्ष चंदन अक्षत जल प्रिय […]

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हे ईश्वर !

हे ईश्वर ! सुखदाता दयादृष्टि ऐसी रखना मेरे प्रभु…! जीवन जिऊं सादगी से कर्मपथ चलूं निडरता से मन में लिए सद्भावना हृदय में भरी हो शांति । व्यवहार हो मेरा मृदुल सभी प्राणियों से हो स्नेह सदा रहूं शुद्ध शाकाहारी ऐसी दयादृष्टि रखना त्रिपुरारी । हे ईश्वर ! सुखदाता मेरे भाग्य विधाता ।। — मुकेश […]

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पद्मासना

आराधना करूँ, देवी पद्मासना । मैं उपासना करूँ, देवी पद्मासना । मेरे अधरों में , सुर बनके बैठो हे माँ, स्वर साधना करूँ, देवी पद्मासना । आराधना करूँ …… स्वर की देवी कहूँ, सुरपूजिता हो तुम। धवल वसन धारिणी, परमपुनिता हो तुम। तान वीणा की जैसे, सुरसरिता बहे , तेरी वंदना करूँ, देवी हंसासना । […]

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गंगा-वंदना

गंगा मइया तुम हो पावन,तुम तो हो सबकी मनभावन। तुम हर लेतीं सबके दुख को,देतीं हो फिर सबको सुख को।। गंगा मइया पापहारिणी,सचमुच में हो दु:खहारिणी। मोक्ष प्रदायक,मंगलकारी,गंगा मइया तुम हितकारी।। शिवजी-केशों से उद्भूता,गंगा माँ से सब अभिभूता। नीर तुम्हारा पावन निर्मल,सदियों से जो करता कल-कल।। तप जब भागीरथ ने कीन्हा,गंगे ने उनको वर दीन्हा। […]

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हे माँ भगवती तुम आ जाओ

हे माँ भगवती तुम आ जाओ करता हूँ मन से तुझे आह्वान आके तुम मंचासीन हो जाओ आशीष दे दो तुम हमे वरदान। वंदना है तुमको इस हृदय से स्वीकार करो माँ मेरी प्रार्थना बिघ्न-बाधा तुम दूर कर देना आज सफल  हो यह साधना। ज्ञान-दायिनी तुम ही हो माता अज्ञानता मेरी तुम दूर करना ज्ञान […]