मुक्तक
“मुक्तक” व्यंग ढंग का हो अगर, तो करता बहुमान। कहने को यह बात है, पर करता पहचान। भागे भागे क्यों
Read Moreभारत माता सिसक रही हैं,तुम सब की नादानी पर, तुम जमीर को बेच दिए, केवल बिजली व पानी पर ।।
Read Moreक्यों गंगा को मैली करते, इस पर करना हमें विचार । नीर प्रदूषित करते जो भी, वही दोष में भागीदार
Read Moreतुम हो तो हम हैं, बिन तुम कहाँ होंगे। जाओगे तुम जहाँ , हम भी वहाँ होंगे। तुम बिन यह
Read Moreइक सावन पलकों में बादल भर लाया था गाओ फिर गीत वही जो उस दिन गाया था !! भावुक मन
Read Moreजब दिल तुम्हारा टूटने लगे, जब लोग बातें बनाने लगे। जब मुफलिसी में हो तुम, जब लोग तुमसे कतराने लगें।
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