नेह निमंत्रण
भोर का नेह निमंत्रण सूरज ने स्वीकार किया अपने पहले जग मे आने का भोर को फिर अधिकार दिया दो
Read Moreभोर का नेह निमंत्रण सूरज ने स्वीकार किया अपने पहले जग मे आने का भोर को फिर अधिकार दिया दो
Read Moreपहले फूंको कलुष भाव को ,निज दोषों का दाह करें । बाद जला रावण का पुतला ,राम राज्य की चाह
Read Moreगमे आशिक़ी ने सँभलना सिखाया समंदर में गहरे उतरना सिखाया अकेले थे पहले बहुत खुश थे लेकिन तेरी आरज़ू़ ने
Read Moreसकल दुखों को परे हटाकर हमको,अब तो सुख को गढ़ना होगा ! डगर भरी हो काँटों से पर,आगे को नित
Read Moreआदि शक्ति हे माँ दुर्गे महारानी करो कृपा हे माँ जगत कल्याणी तुम्हरी महिमा अपरंपार है मईया ये जग नाव
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