ज़ुबानें हो गईं गाली-गाली
बादल बना है फिर सवाली आसमाँ क्यों खाली-खाली किसने लूटा है गुलिस्तां को बिखरा हुआ है डाली-डाली किस-किस से करे
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Read Moreराम मन्दिर मन को बना लो सब फसाद मिट जाएंगे काम क्रोध मद लोभ ये विकार छोड़ दो मन मन्दिर
Read Moreभेड़िये… सिर्फ जंगलों में ही नहीं होते ।। कहीं पहने हुए, इन्सान की खाल । और कहीं.. ओड़ इन्सानियत का
Read Moreभारत के जर्रे जर्रे में बसी है जिनकी याद आज आजादी के लगभग कई दशकों के बाद अब सच्ची सी
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