कविता – ज़िंदगी
जिन्दगी क्या है जिन्दगी प्रेम की परिभाषा है, जिन्दगी करूणा का सागर है। जिन्दगी एक अहसास है, जिन्दगी किताब में
Read Moreजिन्दगी क्या है जिन्दगी प्रेम की परिभाषा है, जिन्दगी करूणा का सागर है। जिन्दगी एक अहसास है, जिन्दगी किताब में
Read Moreचाह पाने की ख्याली जाएगी अब पली आशा निकाली जाएगी हो न पूरे स्वप्न सबके यहाँ बिन मनी सारी दिवाली
Read Moreजाग युवा जाग कि तेरे जागने से देश जगेगा देश जगेगा और हर क्षेत्र में विकास करेगा, भ्रष्टाचार और दुराचार
Read Moreगरल सुधा बन जाता है जब मीरा सी हो भक्ति। अभय हो जाता नर जब हो निष्काम कर्म शक्ति।। अगणित
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