राम और रहीम
दहकती धरती को देखकर, लाशों के ढेर की गिनती करते रो रहे है, राम और रहीम कल अचानक बवाल उठा,
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Read Moreये क्या हो रहा है आज मिला हमें कैसा यह ताज इंसानी पाश का खंडन कर जाती,धर्म,सम्प्रदाय में विखंडित कर
Read Moreचार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात है तेरी न यहाँ कोई बात है भरी जवानी में काहे इतरावे रूप
Read Moreहाथ जब आये सितारे , बह रही हूँ ! चाँद भी अब हाथ आये , कह रही हूँ !
Read Moreठंडी हवाएँ थी और खामोश सी फ़िज़ा मै खो गयी उन की उस ख़ामोशियों में कोई था, वहीँ कहीं महसूस
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