पद्य साहित्य

गीत/नवगीत

गीत – जिह्वा रूपी शमशीर 

सत्ता  पाने   का   अहंकार, सत्ता  खोने   की   पीर  बड़ी। दोनों ने  मिलकर  खींची है, रंजिश की एक लकीर बड़ी।। है एक पक्ष  जो  भारत को   अपनी  जागीर समझता है। सत्ता  को  सोने  की प्याली  में  रक्खी खीर समझता

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भजन/भावगीत

जय माँ महागौरी

महामाया,गौरवर्ण लिए मुख पर कांति महागौरी शीतल मन सकल हैं, शांति अष्टम रुप महागौरी । चतुर्भुजा,वृषभ सवारी आलौकिक सिद्धि शक्ति श्रीफल का नैवेद्य प्रिय देती

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