एक पल…
हाँ ! उस एक पल का ही दोष था जब तुम्हारी नजरों ने मुझे प्यार से देखा था उसी एक
Read Moreसूनसान कंटीली झाड़ी में गूँज उठी थी जो चित्कार । तेरे हृदय तक पहुँच सकी ना मेरी दर्द भरी वो
Read Moreकामयाबी के शिखर पर ए सखी शकुन ! तू बड़ी याद आयी तूने ही वीरान , पतझड़ जिंदगी में साहित्यिक
Read Moreउस किसान की सूनी आँखें, देख रही सूखी खेती को दहेज कम मिलने पर, घर लौट आई भोली बेटी को
Read Moreप्रीत की डोरी में बधकर छोरी, घुम घुम करके गीत सुनावै। मटकी लिए पनघट पर जाकर, तालाब से पानी भर
Read Moreहम सुन्दर पटल बनायेंगे। साहित्य का माहौल लायेंगे। शब्दों का हेरा-फेरी कर, सब रचना करने आयेंगे। सहभागिता अपनाकर यहाँ, हम
Read Moreअब आरजू बस मेरी तबस्सुम के साथ आओ। दिल को किया विस्मिल अब ना मुझे तड़पाओ। आश्नाइ में क्या हुई
Read Moreमाथा पकड़े घुट रहे, भैया वृद्ध अनेक कैसे पति गुजरान हो, धूप छांव अतिरेक धूप छांव अतिरेक, जर्जरित हुई व्यवस्था
Read Moreअक्सर हमारे जीवन की भागदौड़ में रिश्ते बहुत पीछे छूट जाने है। आज ऐसी ही एक कहानी नवभारत टाइम्स के
Read More