कविता
सच ही कहा गया है कि नारी नरम है न लोहे से कम है पुरुष है स्याही तो वो भी
Read More★★★★★★★★★★ इस बार की दीपावाली में वीर शहीदों के नाम दीप जलाओ, आज के पावन दीपोत्सव में सीमा रक्षको के
Read Moreमाँ गंगा का हम कितना मान सम्मान कर रहे हैं, अपने पाप धोते हैं साथ में कपड़ें भी धोते हैं,
Read Moreबेटा पढ़। आगे बढ़। बेटी तू भी पढ़। सुन्दर भविष्य गढ़। समय है मूल्यवान। अच्छे कामों पर दे ध्यान। बना
Read Moreजिंदगी की उलझनें भी क्या उलझनें हैं एक सुलझाते सुलझाते दूसरे में उलझ जाते हैं बड़ा जटिल है यह ताना
Read Moreकभी सोचता हूं कि कुछ नया नायाब लिखूं जो भी अब तक लिखा सब पुराना पढ़ा पढ़ाया था पर क्या
Read Moreफेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हॉट्सएप, ट्वीटर…. अपने आप में ‘कॅरोना’ वायरस हैं ! कोई मुकम्मल ‘हीरो’ नहीं होता, कोई मुकम्मल ‘विलेन’ नहीं
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