मेरे स्वप्न का भारत
भारत एक पवित्र भूमि है जहां त्यौहारों की तो होली है॥ रिश्तो में बंधे हर कोइए फिर भी कहीं ना
Read Moreभारत एक पवित्र भूमि है जहां त्यौहारों की तो होली है॥ रिश्तो में बंधे हर कोइए फिर भी कहीं ना
Read Moreदिल तमन्ना लिए बैठा है की वो आएगा फिर से मेरी जिंदगी में एक प्यारी सुबह लाएगा। पर घबराता है
Read Moreविरह वेदना की पीड़ा को भला वे क्या जानेंगे ? जो छोड़ गए बेबस हमें अपना क्या मानेंगे ? तपते
Read Moreमानव के कुकृत्यों से, मां वसुंधरा भी अकुलाई है। मानव ने मानवता त्यागी, तब यह विपदा आई है। दया ,प्रेम
Read Moreसारा खेल है दो जून की रोटी का कोई दिन भर रहता परेशान है तोड़ता है हाड़ अपने इसको पाने
Read Moreमुख पर सुरीले गीत ह्रिदय रसहीन वाणी झरे मेह मन करुणा विहीन सुहाता जिन्हें निज स्वार्थ ही केवल करें श्रृंगार
Read Moreजब हाथ में रहे न बात तो वक़्त के हाथ छोड़ दे निशब्द हो बैठ जा कर इंतजार वक़्त का
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