मुक्तक
“मुक्तक” बहुत दिनों के बाद मिला है बच्चों ऐसा मौका। होली में हुडदंग नहीं है नहीं सचिन का चौका। मोबाइल
Read Moreअहंकारों की अनंत आँधी में, विचरती विकारों की व्याधि में; उड़े कितने ही व्यथाएँ पाते, स्थिति अपनी कहाँ लख पाते
Read Moreसब की बोलती बंद है इन दिनों, वक़्त बोल रहा है .. बड़ी ही ख़ामोशी से कोई बहस नहीं, ना
Read Moreनेपाल छोटा भाई नहीं, वो तो समधी है ! जनकपुर अगर नेपालवाला है, तो माता सीता की भूमि है और
Read Moreमृत्यु भी नृत्य है, मृत्यु तो जीवन है नहीं ! शिव के तांडव नृत्य के बाद मृत्यु तय है !
Read Moreजीवन पथ पर, पथिक है चलना।राह में राही, सबसे है मिलना।पथिक तो आते, जाते रहते,रूकना नहीं, है अविरल चलना। आधा
Read Moreबूँद बरसा दो मन हरसा दो गगन हो मगन धरा सरसा दो गिरी श्रृंगार धरें दिशा टंकार करें सर छुएं
Read Moreये प्रकृति कुछ कहती है खुद को ढूबने लगी हूँ मैं हर वक्त चल रही थी, हर वक्त सम्भल रही
Read More