तेरे दर पर
गोविन्द के दरबार में मैं तो क्या हर कोई खोता सुध बुध है अपनी , आज उपजी कुछ भावना एक
Read Moreगोविन्द के दरबार में मैं तो क्या हर कोई खोता सुध बुध है अपनी , आज उपजी कुछ भावना एक
Read Moreजब आपस में बंद होती है बोली, चलती बिन बन्दूक के गोली, भागी-भागी आती है होली, रंग-गुलाल लाती है होली,
Read Moreजिंदगी जीने के लिए संगत का असर देखा व्यसनों का उन्माद देखा जो उनसे दूर रहा जिंदगी को ज्यादा जिया
Read Moreमेरी ख़ुद से लड़ाई जारी है, जो देखा है सपना कुछ कर दिखाने की, अपने माता पिता के विश्वास को
Read Moreआओ हम सब होली के रंग मे डूब जाएं मस्त मगन होकर जश्न मनाए तन भीग जाए मन भीग जाए
Read Moreहोली का रंग कितना सुहाना होता है, सब मस्त फ़िज़ा रंगीन, आम की खुशबू से फिजा महकती है। उड़ रहा
Read Moreवो मन मंदिर होता है जहाँ आस्था का दीपक सदैव जलता रहता है अंधकार विस्मृत होता रहता है इस उजास
Read Moreहोली रंगों का त्योहार,बड़ा शानदार लाया खुशियाँ अपार मिलकर मनाओ रे-होली आई रे । आई बसंत बहार, करके सोलह श्रृंगार
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