दिलखुश जुगलबंदी- 17
हौसले का कद बढ़ाओ हौसलों के पंख लगा कर उड़ो, पर्वत की कलगी भी, तुम्हारा स्वागत करने को तैयार है,
Read Moreहौसले का कद बढ़ाओ हौसलों के पंख लगा कर उड़ो, पर्वत की कलगी भी, तुम्हारा स्वागत करने को तैयार है,
Read Moreशब्दों के तीर चलाते, बाणों की वर्षा करते, आते चार साल बाद करने मानवता के मन का शिकार, देखो-देखो
Read Moreजिस ध्यान मार्ग पर चलकर शंभू महादेव कहलाएं, जिस योग ज्ञान के बल पर मुरलीधर ने गीता के सार सुनाएं।
Read Moreजिंदगी के बीते कुछ पल बन जाते हैं यादें जिंदगी के गुजरे पल बन जाते हैं यादें । वो यादें
Read Moreप्रकृति से दूर विकृति भरपूर, प्रकृति का साथ जीवनी -शक्ति का हाथ, प्रकृति की विकृति ही जगत, जगती सृजन सृष्टि,
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