कविता-वक्त
मैंने वक़्त को हालातो में बदलते देखा है | अपनों को गैरो में बदलते देखा है | बरसात में बंजर
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Read Moreसच में बचपन तू बहुत याद आता है भूलने की कोशिशें बहुत की मगर तू बडा़ तड़पाता है वो विशेष
Read Moreकल्पनाओं का जो ये सुंदर संसार है… इसमें ख़्वाहिशें देखो उमड़ती बेशुमार हैं वो लफ़्ज जो तुम तक कभी न
Read Moreमुझे भी एक यार मिला वो मेरे दिल का सरताज मिला करता है वो दिल की बाते ऐसा पहली बार
Read Moreउम्र के एक पड़ाव पर हो जाते हैं फीके बेरंग एहसास यथार्थ के हाथों होते हैं कत्ल भावों के। एक
Read Moreदेखती हूँ , अक्सर कुछ गरीबो को बहुत मेहनत करते हुए | फिर भी उनकी मेहनत का किसी पर
Read Moreप्यार की प्यास प्यार की प्यास है प्यार से ही बुझेगी अभी कुछ दिन पहले की ही तो बात है
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