गोधूलि बेला
दिन ढल गया देखो आई शाम कितनी सुहानी सूरज की रक्तिम लाली भी छिप गई देखो बादलों के पीछे धीरे
Read Moreदिन ढल गया देखो आई शाम कितनी सुहानी सूरज की रक्तिम लाली भी छिप गई देखो बादलों के पीछे धीरे
Read Moreयूं तो मौसम चार होते हैं, हर 5 साल बाद पांचवा मौसम आता है, वह चुनाव का मौसम कहलाता है।
Read Moreकह दो मंजिलो को आ रहा हूँ मैं, मेरे कदम रूके नही है, न सो रहा हूँ मैं। रास्तों का
Read Moreब्रज की होली होरी आयी ,होरी आयी बूढे ,बच्चे सब पर मस्ती छायी। रंगों की हो रही बौछार। आया आज
Read Moreआग लगाने वाले आग लगा चुके पर इल्ज़ाम हवाओं पे ही आएगा रोशनी भी अब मकाँ देखे आती है ये
Read Moreबीत गया सर्दी का मौसम ,बीत रहा सुहाना बसंत फाल्गुन की खुशियां छाई हैं संग लेकर होली के रंग. प्रीत
Read Moreजब धरा पर खेले दुश्मन, वीरों के ख़ून से होली कैसे मैं कविता लिखू,.. स्याही भर लाल-काली भरत खंड का
Read Moreहे युगपुरुष हे राष्ट्रभक्त कैसे तुझको मैं नमन करूँ तुम चन्दन थे भारत माता के किन शब्दों में वंदन मैं
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