दिलखुश जुगलबंदी- 9
भीष्म पितामह भी बन जाएंगे भगवान का दिया कभी अल्प नहीं होता, जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता, हार
Read Moreभीष्म पितामह भी बन जाएंगे भगवान का दिया कभी अल्प नहीं होता, जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता, हार
Read Moreआंखे तालाब नहीं पर भरती है जब रोते हैं बीज नहीं है दुश्मनी फिर भी लोग बोते हैं ऐसे ही
Read Moreअरि के सन्मुख खड़ा रहा, जो सीना ताने हो निर्भय, *अभिनंदन* है *अभिनंदन* को, देश आपकी बोले जय। जान गया
Read Moreअंदर से मुलायम ऊपर से सख्त होती है बेटियां, हर सुख-दुख कहकर सबको खुशियां देती है बेटियां। उसके रहने से
Read Moreबापू तूने अगर न बांधे होते पंख मेरे तो मैं भी आज खुले आसमान में उड़ती खिलखिलाती किलकारियां भरती सुदूर
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