मैं साथ क्यों ना थी ?
सोचती हूं कभी जब तुम होंगे जीवन के सबसे खुशहाल पलों में… मैं साथ क्यों ना थी? सोचती हूं
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Read Moreप्रेम और त्याग धरा ! धैर्य धारण किए, खुद में समेटे अथाह प्रेम और त्याग, तकती रहती अपने आसमां.. क्षण
Read Moreतेरा डंडा तेरा सर, हम मंदिर वहीं बनायेगे,, तू मस्जिद-मस्जिद कर,, तेरा डंडा तेरा सर,,,,, कोटि-कोटि जन की है मंशा,
Read Moreशिखर की ललक है जिनको, शिखर तक पहुंच जाते हैं। लगाकर अम्बर तक सीढ़ी, निरंतर बढ़ते जाते हैं॥ वे अवसरों
Read Moreचुनाव चल रहा है अच्छे वादे दिख रहे होगें लोग बिक रहे होगें, भाषण पिलाया जा रहा झूठे कसमे खाया
Read Moreछठ मैया की अर्चना आस्था, श्रद्धा, अर्घ्य और विश्वास का अर्चन पर्व है, इस पर्व का महात्म्य अनुपम है, इसमें
Read Moreबचपन , हाँ बचपन होता है सुहाना कभी रूठ जाना , कभी मान जाना वो रोना ,बिलखना ,और आँसू बहाना
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