“पिरामिड”
है सुख नगर बिनाघर किरायेदार आनंदातिरेक प्रलोभन प्रत्येक॥-1 है छद्म छलावा हर्षोत्कर्ष कल उत्कर्ष हृदय कस्तुरी वन नाचे मयूरी॥-2 महातम
Read Moreनैन जिनको देख सदा खुश होते है , हर उम्र के लोगो में खुशी क्षण भर दे | फुरर उड़
Read Moreहैवानियत की चश्मा जिनके आँखों पर होगा उन्ही लोगो के वजह से मानव शर्मसार होगा भारत में बढती आबादी
Read Moreसुधार राष्ट्र का करना, तो सबको प्रेम से रहना। इसी प्रेम से दुनिया तो; सभी का मानती कहना।। हमारे इन
Read Moreनदियों का अमृत घुला नीर कर देता मन को अमर नदियों की परिभाषा आती है समझ डुबकी लगाने आचमन करने
Read Moreछिन लिया आसरा पेड़ को कटते देख दूसरे पौधे रो रहे थे कौन समझे इनकी पीड़ा नेक इंसान ही समझते
Read Moreहे ईश्वर मुझे अगले जन्म में वृक्ष बनाना ताकि लोगों को औषधियां फल -फूल और जीने की प्राणवायु दे सकूँ
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