अजन्मी बेटी का खत
मैं अजन्मी बेटी हूं तो क्या सजीव तो हूं समझती हूं सब कुछ कभी कुछ कह पाती हूं कभी चुप
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Read Moreकविता मानव बनकर तुम जी तो सके! है नदी न अपना जल पीती, केवल औरों के हित जीती,
Read Moreकविता अर्जुन का गर्व हरण महाभारत युद्ध के बाद अर्जुन को स्वयं को सबसे बड़ा धनुर्धर होने का
Read Moreरानी बैठी रूपिणी, लेकर पींछी साज बादल को रँगने चली, मानों घर का राज मानों घर का राज, नाज रंगों
Read Moreकविता संघर्ष क्या है? संघर्ष क्या है? संघर्ष जीवन है जो जीवन को जीवंत बने रहने में सहायक
Read Moreकहते थे बनवाएगें पर राम मन्दिर अभी तक बना नहीं, अनुच्छेद 370 हटाएंगे पर अभी तक तो हटा नहीं। विदेशो
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