सपनों के लिये !!!
क्या आती है तुम्हें सपनों के लिए खरीदनी कोई उम्मीद क्या तुमने लगाई है किसी सपने को सोफियाई क्रीम नहीं
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Read Moreराधा मधुबन तेरा आना, रोज रोज का नया बहाना बोल सखी कैसा याराना, बैरी मुरली राग बजाना।। बस कर अब
Read Moreतो फिर क्यों लौटा रही हो क़िताब, वह ख़त? और जिक्र करती हो भूल जाने की। किये गए समस्त पूर्व
Read Moreआओ विकसित देश बनाएँ विज़न दो हज़ार बीस अपनाएं सुंदर प्रकृति को हम बचाएं गीत खुशी के मिलकर गाएँ मरुस्थल
Read Moreआज का प्रेम दिवस सिर्फ बिस्तर तक ही सीमित है . चौराहे पर कहा कहा करता बच्चा उसका उदाहरण है
Read Moreहाँ मैं वेश्या हूं पाप की पुड़िया हूं चंद सिक्कों की खनक में बेचती हूं अपना जिस्म पर लाख अच्छी
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