दो बाल काव्यमय कथाएं
1. दयालु शेर, दिलेर चूहा एक शेर जंगल में सोया, मीठे सपने देख रहा, चूहा एक शेर के ऊपर, उछल
Read More1. दयालु शेर, दिलेर चूहा एक शेर जंगल में सोया, मीठे सपने देख रहा, चूहा एक शेर के ऊपर, उछल
Read Moreपापा बोले ”चंद्रग्रहण है, मैंने पूछा, “वो क्या होता पापा?” पापा बोले, ”आओ बताऊं, बताते मुझे थे मेरे पापा. एक
Read More(बाल काव्यमय कथा) एक वन में रहा करते थे, इक बंदर और इक हाथी, दोनों को था घमंड गुणों का,
Read More1. कर भला तो हो भला एक गुलाम भागकर पहुंचा, एक घने जंगल में, कोई शेर कराह रहा था, जाने
Read Moreरोटी एक मिली कौए को, मन में बहुत-बहुत हर्षाया, उसे देखकर एक लोमड़ी, का भी मन था ललचाया. ”कौए भाई,
Read Moreकौआ एक बड़ा प्यासा था, उड़कर पहुंचा एक बाग में, जहां पड़ा था एक घड़ा पर, पानी था थोड़ा-सा उसमें.
Read Moreशहर चला जब मंगलू भाई, बोले लोग, ”तू है ही लल्लू, काम गधे से क्यों नहीं लेता? थक जाएगा बेटा
Read Moreनीलू-शीलू लगीं झगड़ने, रोटी कौन बड़ी खाएगा? ”बंदर मामा, तुम्हीं बता दो, रोटी कौन बड़ी पाएगा?” छोटी एक तराजू लेकर,
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