बाल कविता

बाल कविता

बालगीत “साधारण जीवन अपनाना”

जननी-जन्मभूमि को अपनी,बच्चों कभी नहीं बिसराना।ठाठ-बाट को छोड़ हमेशा,साधारण जीवन अपनाना।।—रोज नियम से आप सींचना,अपनी बगिया की फुलवारी।मत-मजहब के गुलदस्ते

Read More