बाल कविता

बाल कविता

बालगीत “चौमासे ने अलख जगाई”

रिमझिम-रिमझिम पड़ीं फुहारे।बारिश आई अपने द्वारे।।—तन-मन में थी भरी पिपासा,धरती का था आँचल प्यासा,झुलस रहे थे पौधे प्यारे।बारिश आई अपने

Read More